स्त्री हो या पुरुष अधिकतर लोग पूजा करते समय ढंकते हैं अपना सिर, जानें इसकी वजह
पुरानी परंपराओं का पालन करने से धर्म के साथ ही स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
dainikbhaskar.com | Last Modified - Apr 12, 2018, 05:36 PM IST
यूटिलिटी डेस्क.आमतौर पर सिर ढंकने की परंपरा का पालन स्त्रियां ही करती हैं, लेकिन पूजा-पाठ करते समय पुरुषों को भी सिर ढंककर रखना चाहिए। इस परंपरा के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक, दोनों की कारण मौजूद हैं। यहां जानिए उज्जैन के इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पूजारी और कथाकार पं. सुनील नागर के अनुसार पूजा करते समय सिर ढंकने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं...
ये है सम्मान का सूचक
आमतौर पर जब किसी भारतीय स्त्री के सामने उम्र में बड़ा कोई व्यक्ति आता है तो वह उन्हें सम्मान देने के लिए खुद का सिर ढंक लेती है। ठीक इसी प्रकार भगवान के सामने सिर ढंकना भी सम्मान का सूचक ही है। सिर ढंककर भगवान के सामने जाने से भगवान के प्रति हमारा आदर और समर्पण प्रकट होता है।
मिलते हैं ये लाभ भी
- पूजा के समय सिर ढंककर रखने से मन की एकाग्रता बनी रहती है। मान्यता है कि खुले सिर रहने से हमारे भीतर क्रोध अधिक बढ़ता है। सिर दर्द, आंखों की कमजोरी हो सकती है। इसीलिए सिर ढंककर रहने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। आज भी काफी लोग सिर पर पगड़ी बांधते हैं और स्त्रियां साड़ी के पल्लू से अपना सिर ढंकती हैं।
- हवा में मौजूद गंदगी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सूक्ष्म कीटाणु हमारे बालों में बहुत जल्दी चिपक जाते हैं, जिनकी वजह से हमें बीमारियां भी हो सकती हैं। इसीलिए सिर ढंकना फायदेमंद रहता है।
- सिर पर साफा, पगड़ी या अन्य किसी चीज से सिर ढंकने पर हमारे कान भी ढंके रहते हैं, जिससे कानों से जुड़ी कई बीमारियां दूर ही रहती हैं।
- सिर ढंके रहने से गंजापन, बाल झड़ना और डेंड्रफ आदि रोगों से भी बचाव हो सकता है।
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