भारत में कहां, कैसे मानाते हैं मकर संक्रांति, जानिए इसके अलग-अलग नाम
मकर संक्रांति भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग नाम और रीति-रिवाजों के साथ भक्ति और उत्साह से मनाया जाने वाला त्योहार है।
जीवन मंत्र डेस्क | Last Modified - Jan 12, 2018, 05:00 PM IST
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भारत में एक ही त्योहार कई तरह से मनाया जाता है। मकर संक्रांति भी एक ऐसा ही पर्व है। यह भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग नाम और रीति-रिवाजों के साथ भक्ति और उत्साह से मनाया जाने वाला त्योहार है। जानिए भारत के अलग-अलग राज्यों में इस त्योहार को किस नाम से और कैसे मनाया जाता है।
इस त्योहार को मकर संक्रांति के नाम से छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, और जम्मू में मनाया जाता है।
- तमिलनाडु में इसे ताइ पोंगल या उझवर तिरुनल के नाम से मनाया जाता है।
-गुजरात और उत्तराखण्ड में ये त्योहार उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है
- हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और पंजाब में इस त्योहार को माघी कहा जाता है।
- भोगाली बिहु के नाम से ये त्योहार असम में मनाया जाता है|
- कश्मीर में इसे शिशुर सेंक्रात नाम से मनाया जाता है।
- उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में इस त्योहार को खिचड़ी कहा जाता है।
- पौष संक्रान्ति के नाम से ये त्योहार पश्चिम बंगाल में मनाया जाता है।
- कर्नाटक में मकर संक्रमण के नाम से इसे मनाया जाता है।
आगे पढ़ें इस त्योहार को किस राज्य में कैसे मनाया जाता है -+4और स्लाइड देखेंअसम- असम में मकर संक्रान्ति को माघ-बिहू अथवा भोगाली-बिहू के नाम से त्यौहार मनाते हैं।
+4और स्लाइड देखेंतमिलनाडु - तमिलनाडु में किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है| पोंगल का त्यौहार चार दिन तक मनाया जाता है| प्रथम दिन भोगी-पोंगल, द्वितीय दिन सूर्य-पोंगल, तृतीय दिन मट्टू-पोंगल अथवा केनू-पोंगल और चौथे व अन्तिम दिन कन्या-पोंगल। इस दिन घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है|
महाराष्ट्र:- महाराष्ट्र में लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं|
+4और स्लाइड देखेंहरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और पंजाब में इस त्योहार को माघी कहा जाता है।
हरियाणा और पंजाब- हरियाणा और पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में एक दिन पहले यानि 13 जनवरी को ही मना लिया जाता है। इस दिन अँधेरा होते ही आग जलाकर अग्निदेव की पूजा करते हुए तिल, गुड़, चावल और भुने हुए मक्के की आहुति दी जाती है। इस सामग्री को तिलचौली कहा जाता है।
आंध्रप्रदेश- आंध्रप्रदेश में संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है|
बंगाल- बंगाल में इस पर्व पर स्नान के पश्चात तिल दान करने की प्रथा है। यहाँ गंगासागर में प्रति वर्ष विशाल मेला लगता है। मन्यता हे की मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं।+4और स्लाइड देखेंबिहार - बिहार में मकर संक्रान्ति को खिचड़ी नाम से जाता हैं। इस दिन उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने का अपना एक अलग महत्त्व है।
उत्तर प्रदेश - उत्तर प्रदेश में यह मुख्य रूप से ‘दान का पर्व’ है। इलाहाबाद में गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम पर प्रत्येक वर्ष एक माह तक माघ मेला लगता है जिसे माघ मेले के नाम से जाना जाता है।आगे की स्लाइड्स देखने के लिए क्लिक करेंदैनिक भास्कर पर Hindi News पढ़िए और रखिये अपने आप को अप-टू-डेट | Hindi Samachar अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Hindi News App, या फिर 2G नेटवर्क के लिए हमारा Dainik Bhaskar Lite App.Web Title: Makar Sankranti Celebration In India 2018
(News in Hindi from Dainik Bhaskar)