महाभारत में कौरवों ने की थी ये गलतियां, इनसे आप भी बचें वरना हो सकते हैं बर्बाद
ये 4 बातें ध्यान रखेंगे तो आप भी जीवन में कभी नहीं आएंगी परेशानियां
यूटिलिटी डेस्क | Last Modified - Feb 19, 2018, 05:00 PM IST
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महाभारत एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें सुखी जीवन के लिए सटीक सूत्र छिपे हैं। कौरव और पांडवों की इस कथा में बताई गई बातों का ध्यान रखने पर कोई भी व्यक्ति परेशानियों से बच सकता है और हमेशा सुखी रहता है। कौरवों ने कौन सी गलतियां की थी, जिनसे वे नष्ट हो गए। ऐसी गलतियों से हमें भी बचना चाहिए। यहां जानिए कुछ ऐसी बातें, जिनकी मदद से हम परेशानियों से बच सकते हैं...
1.पहली बात ये है कि अच्छे कर्म से स्थाई लक्ष्मी आती है। परिश्रम और ईमानदारी से किए गए कामों से जो धन प्राप्त होता है, उससे स्थाई लाभ मिलता है और घर में बरकत बनी रहती है। जबकि, जो लोग गलत कामों से धन कमाते हैं, वे कई प्रकार की बीमारियों और परेशानियों का सामना करते हैं। गलत काम करने वाले लोग कुछ समय का सुख प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन वे हमेशा सुखी नहीं रह पाते हैं। दुर्योधन ने छल और गलत तरीके से पांडवों से उनकी धन-संपत्ति छीन ली थी, लेकिन ये संपत्ति उसके पास टिक ना सकी।
2.दूसरी बात है धन का सही-सही प्रबंधन या निवेश करना। यदि हम धन का सही प्रबंधन करेंगे, सही कार्यों में पैसा लगाएंगे तो, निश्चित रूप से अच्छा लाभ मिल सकता है। सही कामों में लगाए गए धन से हमेशा लाभ मिलता है। जबकि, जो लोग जल्दी-जल्दी लाभ कमाने के चक्कर में धन का प्रबंधन गलत तरीके से करते हैं, वे अंत में दुखी होते हैं। दुर्योधन ने धन का प्रबंधन पांडवों को नष्ट करने के लिए किया और खुद ही नष्ट हो गया।
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3.तीसरी बात यह है कि चतुराई से योजनाएं बनानी चाहिए कि धन को कहां-कहां खर्च करना चाहिए। यदि सोच-समझकर और सिर्फ जरूरत की चीजों पर ही धन खर्च किया जाएगा तो बचत बनी रहेगी और धन भी बढ़ता रहेगा। आय-व्यय में संतुलन बनाए रखना चाहिए। महाभारत में पांडव दुर्योधन से सबकुछ हार गए थे, इसके बाद उन्होंने अभाव का जीवन व्यतीत किया और चतुराई से योजना बनाते हुए विशाल सेना तैयार कर ली। जिससे वे महाभारत युद्ध में विजयी हुए।
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4.चौथी बात यह है कि धन के संबंध में धैर्य बनाए रखें। आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति के पास धन अधिक होता है तो वह बुरी आदतों का शिकार हो जाता है, नशा करने लगता है। यदि धन से हमेशा सुख और शांति प्राप्त करना चाहते हैं मानसिक, शारीरिक और वैचारिक संयम बनाए रखें। अपने गलत शौक पूरे करने के धन का दुरुपयोग न करें। शास्त्रों में कई ऐसे पात्र बताए गए हैं जो बुरी आदतों के कारण नष्ट हो गए। युधिष्ठिर अपनी गलत आदत द्युत क्रीड़ा (जुआं) में ही दुर्योधन और शकुनि से सब कुछ हार गए थे।
(News in Hindi from Dainik Bhaskar)