हनुमान जयंती 2018: हनुमानजी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर, क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण
31 मार्च, शनिवार को हनुमान जयंती है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं हनुमानजी से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
dainikbhaskar.com | Last Modified - Mar 31, 2018, 11:20 AM IST
- +1और स्लाइड देखेंयूटिलिटी डेस्क. 31 मार्च, शनिवार को हनुमान जयंती है। इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं हनुमानजी से जुड़ी कुछ रोचक बातें। ये बातें बहुत कम लोग जानते हैं।
इसलिए हनुमानजी को चढ़ाते हैं सिंदूर
हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे एक कथा है, जिसका वर्णन गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीहनुमान अंक में मिलता है। उसके अनुसार-
एक बार जब हनुमानजी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा तो आश्चर्यचकित हो कर उन्होंने माता सीता से ऐसा करने का कारण पूछा। तब माता सीता ने हनुमानजी को इसका उत्तर देते हुआ कहा कि ऐसा करने से मेरे स्वामी की आयु लम्बी होती है और वे मुझ पर सदैव प्रसन्न रहते हैं।
माता सीता की यह बात सुनकर पवनपुत्र ने विचार किया माता के चुटकीभर सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम को दीर्घायु प्रप्त होती है और वे माता पर प्रसन्न रहते हैं तो क्यों ना मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर धारण कर लूं। इससे प्रभु श्रीराम मुझ पर सदैव ही प्रसन्न रहेंगे। यह सोचकर हनुमानजी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर श्रीराम के दरबार में पहुंच गए।
हनुमानजी के इस रूप को देखकर दरबार में उपस्थित मंत्री हंसने लगे। तब प्रभु श्रीराम ने हनुमानजी से इसका कारण पूछा तो उन्होंने माता सीता की कही बात बता दी। हनुमानजी की भक्ति देख श्रीराम बहुत प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जो भी भक्त तुम्हे सिंदूर अर्पित करेगा। उस पर मेरी कृपा भी बनी रहेगी। यही कारण है कि हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाया जाता है।
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मान्यता है कि जिस पर भी शनि की साढ़ेसाती या ढय्या हो, वह यदि हनुमानजी की पूजा करें तो उस पर शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके पीछे भी एक कथा है, जो इस प्रकार है-
एक बार हनुमानजी राम सेतु के समीप भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन थे। तभी वहां से शनिदेव निकले। शनिदेव को अपने पराक्रम पर बहुत घमंड था। हनुमानजी को ध्यान में देख शनिदेव ने उन्हें युद्ध के लिए ललकारा। पहले तो हनुमानजी ने शनिदेव की बातों पर ध्यान नहीं दिया।
लेकिन जब शनिदेव नहीं माने तो हनुमानजी ने उन्हें अपनी पूंछ में लपेट लिया। बहुत कोशिश करने पर भी जब शनिदेव छूट न सके तो उन्होंने हनुमानजी से क्षमा मांग ली। तब हनुमानजी ने कहा कि तुम मेरे भक्तों को कभी परेशान नही करोगे, ये वचन देने के बाद ही मैं तुम्हें बंधनमुक्त करूंगा। शनिदेव ने हनुमानजी की बात मान ली। यही कारण है कि हनुमानजी की पूजा करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
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